TOP LATEST FIVE HINDI KAHANI URBAN NEWS

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हिंदी कहानी

बड़े होने पर श्रीकृष्ण द्वारका के राजा बने. गरीब सुदामा एक झोंपड़ी में रहते थे.

एक बार श्यामपट पर उन्होंने रेखा खीचकर विद्यार्थियों से पूछा कि – क्या इस रेखा को बिना मिटाए कोई छोटी कर सकता हैं?

ऐसा विचार कर उन्होंने बुद्धिमान शिष्य की परीक्षा लेने का निर्णय लिया,

मेरी पुत्री विवाह योग्य हो गईं है और मुझें उसके विवाह की चिंता है, लेकिन मेरे पास पर्याप्त धन नही है.

यह क्या कठिन हैं दोनों को नदी में नहलाने ले जाओं जो आगे नदी में घुसे वही माँ हैं और जो पीछे पीछे चले वही बेटी हैं.

अगले दिन भी सेठ लड़के की उस बात को नही भूल पाया, उसने तुरंत लड़के को बुलाया और कल रात के स्वप्न की बात फिर पूछी- लड़का इस बार भी वह बात टाल गया.

बहुत पुरानी बात है, उन दिनों आज की तरह स्कूल नही होते थें.

पर खेत का मालिक नही माना, कुछ देर बाद गायों का एक झुण्ड आया. कुरज ने वैसे ही करुण स्वर में विनती की-

क्यों न भासुरक को उनके वन में दुसरे सिंह के नाम से उसकी परछाई दिखाकर इस कुई में गिरा दिया जाए, यही उपाय सोचता-सोचता वह भासुरक सिंह के पास पंहुचा, सिंह उस समय भूख प्यास से व्याकुल होता हुआ,

बड़े बड़े छत्रपति राजा भी इन्हें अपना अपना कहकर चले गये, परन्तु साथ क्या ले गये?

शिक्षा : किसी विषय पर झगड़ने की बजाय अपने बुजुर्गो की राय लेनी चाहिए !

आज की शीर्षक हिंदी में कहानी में राजस्थान के कवि और लेखक विजयदान देथा द्वारा मूलत: राजस्थानी भाषा में लिखी गईं कुरज री विनती कहानी हैं, जिसे हिंदी में ट्रांसलेट किया गया हैं.

ग्वाले ने कहा- ”मै तो नौकर हु, इससे अधिक देना मेरे हाथ की बात नही, लेनी हो तो एक बढ़िया गाय ले लो.

खरगोश न केवल एक सुंदर सा पशु है, बल्कि अपनी गति और चतुराई के लिए भी जाना जाता है। दूसरी ओर, कछुए काफी सरल हैं और निश्चित रूप से, जीवन के सभी पहलुओं में धीमे हैं।

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